एम. पी. मेडिकल यूनिवर्सिटी कुलपति, डॉ. टी. एन. दुबे पास फेल के धंदे में शामिल !
जबलपुर/न्यूज लाइफ/ऑनलाइन। एम. पी. मेडिकल सांईस युनिवर्सिटी जबलपुर के कुलपति, डाॅ. टी. एन. दुबे के मात्र आठ महीने की अल्प अवधि के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के नित-नये कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं। मेडिकल यूनिवर्सिटी में गहराई तक व्याप्त भ्रष्टाचार की कड़ी में कुलपति, डाॅ. टी. एन. दुबे द्वारा एम. डी. एस. छात्रों से पैसे लेकर पास फेल कराने के गंदे कार्य में लिप्त होने का ताजा मामला हाल ही में सामने आया है। मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति, डाॅ. टी. एन. दुबे युनिवर्सिटी मुख्यालय से कार्य दिवसों में नदारद रहने और मुख्यालय में उपस्थिति के दौरान भी कार्यालय में नहीं आने तथा कार्यालय आने पर भी मात्र एक से डेढ़ घंटा बैठने की औपचारिकता पूरी कर फिर से नदारद हो जाने के लिये बदनाम हैं।
गौरतलब है कि युनिवर्सिटी मुख्यालय से नदारद रहने पर प्रदेश के राज्यपाल द्वारा कुलपतियों की बैठक में डाॅ टी. एन. दुबे को सरेआम फटकार भी लगाई भी जा चुकी है परन्तु अभी भी डाॅ. टी. एन. दुबे अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे हैं। डाॅ. टी. एन. दुबे कुलपति जब युनिवर्सिटी कार्यालय में बैठते हैं तो भी छात्रों की समस्याओं को सुलझाना तो दूर बल्कि छात्रों से मिलना भी पसंद नहीं करते हैं और छात्रों के साथ अत्यंत रूखा तथा अपमानजनक व्यवहार करने के लिये कुख्यात हैं।
दो छात्राओ ने किया हंगामा:-
युनिवर्सिटी सूत्रों के अनुसार दिनांक 11 सितंबर 2020 को मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति, डाॅ. टी. एन. दुबे के चेम्बर में एम.डी.एस. की दो छात्राओं द्वारा अपने अभिभावकों के साथ जमकर हंगामा मचाया गया है। यूनिवर्सिटी में चल रही चर्चा के अनुसार छात्राओं और उनके अभिभावकों द्वारा कुलपति, डाॅ. टी. एन. दुबे पर एम. डी. एस. के छात्रों से पैसे लेकर पास कराने का खुला आरोप लगाया गया है। यह भी जानकारी मिली है कि दोनों छात्राओं और उनके अभिभावकों द्वारा दो घंटे तक कुलपति का उनके चेम्बर में घेराव करके अपषब्द कहे गये और चेम्बर से बाहर नहीं आने दिया गया। हमारे संवाददाता इस घटना के समय यूनिवर्सिटी परिसर में गेट के बाहर मौजूद थे। युनिवर्सिटी के सूत्रों द्वारा बताया गया कि छात्राओं एवं उनके अभिभावकों द्वारा दो घंटे तक चेम्बर में जमकर हंगामा मचाने के बाद कुलपति, डाॅ. टी. एन. दुबे द्वारा मिन्नतें करके और छात्राओं को पास कराने का आष्वासन देकर किसी तरह अपना पिंड छुड़ाया गया। हमारे संवाददाता ने स्वयं कुलपति, डाॅ. टी. एन. दुबे को बंदूकधारी गार्ड और अन्य गार्डों के सुरक्षा घेरे में दोैड़कर बाहर निकलते और उनके पीछे दो छात्राओं को अभिभावकों सहित तेज स्वर में अपमानजनक भाषा का प्रयोग करके चिल्लाते हुये पीछा करते देखा गया। हमारे संवाददाता के सामने कुलपति दौड़कर हांफते हुये दोनों छात्राओं से किसी तरह अपना पीछा छुड़ाकर अपनी सरकारी गाड़ी में बैठकर युनिवर्सिटी कार्यालय से नौ दो ग्यारह हो गये।
दुर्भावना पूर्वक दो बार फ़ैल कर दिया गया ।
हमारे संवाददाता द्वारा दोनों छात्राओं से इस पूरे हैरतअंगेज घटना क्रम पर जानकारी ली गई तो ज्ञात हुआ कि दोनों छात्रायें श्री अरबिन्दो डेंटल काॅलेज, इंदौर में एम. डी. एस. में अध्यनरत्् हैं। छात्राओं द्वारा आरोप लगाये गये कि उनके साथ में पढ़ने वाले एक छात्र सहित उन दोनों को अरबिन्दो डेंटल कालेज के डीन और एच. ओ. डी. द्वारा जानबूझकर दो बार दुर्भावना से फेल किया गया है। दो बार लगातार फेल होने के बाद वे तीनों जबलपुर आकर कुलपति डाॅ. टी. एन. दुबे से अपनी काॅपियों की री-चैकिंग कराने के लिये व्यक्तिगत रूप से मिले थे। कुलपति, डाॅ. टी. एन. दुबे कुलपति द्वारा हमें उनके साथ हुये अन्याय को दूर करते हुये री-चैकिंग में पास कराने का आष्वासन देने पर हम सभी लोग अपने घर वापिस चले गये। हम दोनों छात्रायें महिला होने एवं पारिवारिक परिस्थिति के कारण बार-बार जबलपुर आने में असमर्थ थे।
पैसे देने पर कर दिया पास ।
अतः हमारे साथी छात्र द्वारा हमारी एम. डी. एस. परीक्षा की काॅपियों की री-चैकिंग के लिये कुलपति, डाॅ. टी. एन. दुबे से जबलपुर जाकर कई बार बात की गई। हमारे साथी छात्र द्वारा हमेें बताया गया कि कुलपति, डाॅ. टी. एन. दुबे कुलपति से पूरी बात हो गई है और री-चेैकिंग में हम तीनों लोग पास हो जायेंगें। लेकिन जब री-चैकिंग का रिजल्ट आया तो हमारे साथी छात्र के 22 अंक बढ़ने से वो एम. डी. एस. में पास हो गया परन्तु हम दोनों छात्रायें फेल ही रहीं। दोनों छात्राओं द्वारा कुलपति पर खुला आरोप लगाया गया कि उनके साथी छात्र द्वारा उनको स्पष्ट बताया गया है कि कुलपति को पैसे देने के कारण इतने नम्बर बढ़े हैं। छात्राओं का कहना था कि यदि कुलपति, डाॅ. टी. एन. दुबे को पैसे ही चाहिये थे तो हमसे भी मांग लेते इससे आज हम भी पास हो जाते और हमारा भी भविष्य सुरक्षित हो जाता।
पढाई में फिसड्डी छात्र पास हो गया ।
कुलपति के प्रति इतनी नाराजगी होने के पीछे उनके द्वारा कारण बताया गया कि उनके साथी छात्र के 22 नम्बर बढ़ ही नहीं सकते क्योंकि वो पढ़ाई में हम दोनों से बहुत खराब है। छात्राओं का कहना था कि ऐसे भ्रष्ट कुलपति के काले कारनामे और पास फेल के धंधे में लिप्त होने के बारे में वे दुनिया के सामने सच लाना चाहती है।
यूनिवर्सिटी की विश्वसनीयता को खतरा
दोनों छात्राओं के परिजन भी कुलपति के इस भ्रष्ट आचरण से बेहद दुखी और आक्रोषित दिखे और उनके द्वारा इस पूरे मामले की षिकायत करके हाईकोर्ट में उठाने और राज्यपाल के समक्ष गुहार लगाने की बात भी कही गई। इस घटना के समय युनिवर्सिटी परिसर में उपस्थित छात्र छात्राओं का कहना था कि कुलपति, डाॅ. टी. एन. दुबे का भ्रष्ट आचरण बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और आहत करने वाला है।
यदि डाॅ. टी. एन. दुबे जैसा भ्रष्ट कुलपति पूरे चार साल तक चल गया तो दलालों का पूरी तरह बोलबाला होने के साथ ही यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं की विश्वसनीयता पूरी तरह समाप्त हो जायेगी और युनिवर्सिटी से परीक्षा पास करके निकले डाॅक्टरों की साख पर बट्टा लग जायेगा।
तीन दिन तक नहीं आये यूनिवर्सिटी
इस घटना के बाद कुलपतिए डाॅ. टी. एन. दुबे कुलपति अपना भ्रष्ट आचरण उजागर होने के कारण तीन दिन तक इस अंदेषे में युनिवर्सिटी कार्यालय नहीं आये क्योंकि उनको डर था कि कहीं दोनों छात्रायें और उनके परिजन फिर से युनिवर्सिटी आकर उनकी सरेआम बेइज्जती न कर दें। गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी कार्य समिति की दिनांक 11/06/2020 की बैठक में श्री अरबिन्दों डेंटल कालेज इंदोर के तृृतीय वर्ष पेरियोडोन्टोलाॅजी के विद्याथी 1. डाॅ निखित दीक्षित 2. डाॅ. दृृष्टि पांडे 3. डाॅ. आकृति सावन के द्वारा महाविद्यालय के विभागीय प्रोफेसर एवं विभागीध्यक्ष की दुर्भावना के कारण दो बार जानबूझकर अनुत्तीर्ण करने के संबंध में प्राप्त आवेदन के साथ इस प्रकरण को डेंटल समुदाय के षिक्षकों और विद्यार्थियों द्वारा जोड़कर देखा जा रहा है।